Tuesday, December 2, 2008

आज एक सिर झुक गया !

२६ नवम्बर २००८
आज रात एक सिर झुक गया
आज रात कई सिर कट गए,
मगर मैं देखता हूँ सिर्फ़ उस एक झुके हुए सिर को ,
आज हम इस महफिल में उस झुके हुए सिर को सिर्फ़ निहारते हैं।
आज इतना अन्धकार हैं की हम मोमबत्ती लेकर चले हैं,
हम उस एक झुके हुए सिर को निहारते हैं।

लालत हैं मुझपर के मैं इस झुके हुए सिर को चुप-चाप निहारता हूँ
क्या मेरे लहू में इतनी तम्ताहाहत नही हैं,
के मैं कुछ करुँ ?
के मैं उस सीर को उठाऊ?
हे भारत माता ! आज जो यह सिर तेरा झुका हैं,
यह सिर्फ़ तेरा अपमान नही हैं,
यह मेरा भी अपमान हैं,
यह तुम्हारा भी आपमान हैं।
लेकिन मैं नपुंसक सिर्फ़ इस मोमबत्ती के सहारे तुम्हे निहारता हूँ,
इस मोमबत्ती के सहारे दूर से ही देखता हूँ ।

क्या भारत माँ की मिट्टी जहाँ कभी
कुरुक्षेत्र के महाभारत में श्री कृष्ण ने न्याय किया था,
जिस मिट्टी पर झाँसी की रानी ने आजादी केलिए अपना खून बहाया था,
जिस मिट्टी पर जलीयावाला बाघ का बदला शहीद भगत सिंघ ने लिया था,
जिस मिट्टी पर सुभाष चंद्र बसु जैसे सूर्माओ ने जन्म लिया था,
जिस मिट्टी पर महात्मा गाँधी ने हमे स्वतंत्रता दिलवाई थी,
उस मिट्टी का उपज - मैं एक नपुंसक हूँ?

नही कतय नही!!
आज मैं शपथ लेता हूँ,
के जिस भारत माँ का सिर झुका हैं,
उसे मैं फिर एक बार ऊचा करूंगा,
और इस कदर ऊचा करूंगा
के फिर उस पर कोई वार न कर सके।
भारत माँ की जिस मिटटी पर लहू बहा हैं,
मुझे उस मिटटी की सौगंद,
मैं भारत माँ का बेटा,
नवभारत का निर्माण करूंगा,
नवभारत का निर्माण करूंगा,
आज रात जो एक सिर झुक गया हैं,
उसे सदैव ऊचा रखूंगा,
उसे सदैव ऊचा रखूंगा।

जय हिंद!

5 comments:

रचना गौड़ ’भारती’ said...

भगवान आपकी इच्छा पूरी करे ।
आपने बहुत अच्छा लिखा है ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

shreya kumar said...

let us hope & pray Gandhi jee's non voilence & peace prevail in the whole world.Bravo! for a piece of thought.

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji said...

आपका लेख पढ़कर हम और अन्य ब्लॉगर्स बार-बार तारीफ़ करना चाहेंगे पर ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.
आप भी न, एकदम्मे स्मार्ट हो.
और भी खेल-तमाशे सीखें सिर्फ़ 'ब्लॉग्स पण्डित' पर.

संगीता पुरी said...

आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

Srutisagara Das said...

Thank you everyone for the encouraging comments